Thursday 28 May, 2009

डेपुटेशन बढ़वाने के लिए
फाइव स्टार होटल में पार्टी

सीएससी/.रे.का एक और कारनामा

मुंबई : विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त ने अपना डेपुटेशन बढ़वाने के लिए मुंबई के फाइव स्टार 'होटल प्रेसीडेंट' में २८ मई की रात को एक हाई-फाई पार्टी का आयोजन किया पता चला है कि उनकी इस पार्टी में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री बी. बी. मोदगिल भी सपत्नीक शामिल हुए। इसके अलावा महाराष्ट्र के डीजीपी श्री एस. एस. विर्क और डीजी/आरपीएफ श्री सिन्हा को भी इसमें आमंत्रित किया गया था परन्तु सूत्रों का कहना है कि अन्तिम समय में किन्हीं अपरिहार्य कारणों के चलते इन दोनों सीनियर आईपीएस अधिकारियों का पार्टी में आना अचानक रद्द हो गया, यह जानकारी रात को करीब १.३० से २ बजे तक इस पार्टी की 'रखवाली' करने वाले हमारे सूत्रों ने दी है।
तथापि पार्टी में सीबीआई/मुंबई के जोइंट डायरेक्टर श्री ऋषि कुमार सिंह और मुंबई पुलिस के २-३ संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारियों सहित मध्य रेल के सभी मंडलों के डीएससी, जिन्हें "मंथली वसूली मीटिंग" यानी "मंथली क्राईम मीटिंग" के बहाने इस पार्टी के लिए बुलाया गया था, स्टाफ ऑफिसर सुश्री सारिका मोहन, ऐएससी एस.पी.सिंह, जिनका ट्रान्सफर वलसाड ट्रेनिंग सेण्टर पश्चिम रेलवे में काफी पहले हो चुका है परन्तु सीएससी की मेहरबानी से उन्हें अभी तक रिलीव नहीं किया गया है, आदि मिक्स ब्रांड अधिकारीगण उपस्थित थे।
सूत्रों का कहना है कि इस पार्टी के आयोजन के लिए आईपीएफ/सीएसटी ऐडीएम्, आईपीएफ/सीएसटी मेन लाइन, आईपीएफ/कुर्ला टर्मिनस, आईपीएफ/कुर्ला मेन लाइन, आईपीएफ/दादर, आईपीएफ/ठाणे, आईपीएफ/कल्याण एवं आईपीएफ/कल्याण लोकोशेड, आईपीएफ/हेड क्वार्टर आदि आरपीएफ इंस्पेक्टरों ने खर्च का इंतजाम किया था। जबकि आर्केष्ट्रा पार्टी का इंतजाम करके स्वयं आईपीएफ/पुणे ख़ुद लेकर आए थे। सूत्रों ने इस हाई-फाई पार्टी पर करीब १०-१२ लाख रुपये खर्च होने की संभावना व्यक्त की है।
बताते है कि मध्य रेल के वर्तमान सीएससी ने अपना डेपुटेशन दुबारा बढ़वाने की सिफारिश करवाने के लिए महाप्रबंधक को इस तरह ओबलाइज करने के लिए अपने चापलूस आईपीएफ से इस पार्टी के खर्च का इंतजाम करवाया है, सूत्रों का कहना है कि महाप्रबंधक पर दबाव बनाने के लिए सीएससी ने महाराष्ट्र के डीजीपी को भी इसमें आमंत्रित किया था। ज्ञातव्य है कि इससे पहले एक बार ऐसी सिफारिश को रेलवे बोर्ड द्वारा रद्द किया जा चुका है और अब यदि अपनी इस कोशिश में सीएससी कामयाब नहीं होते हैं तो उन्हें जुलाई में अपने मूल कैडर में यू. पी. वापस जाना पड़ेगा।

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